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सप्तर्षियों मे से ऐक हैं महर्षि गौतम। त्रोता युग और द्वापर युग में थे। देवेंद्र से वंचित अपनी पत्नी अहल्या को शाप दिया। और देवेन्द्र को भी शापदिया। अहल्या जब श्रीराम से शाप मुक्त हुई तब गौतम महर्षि हिमालय से वापस अपने आश्रम आते हैं। ऐसी कई रोचक कहानीयाँ इस पुस्तक में है।
पाँचाल नरेश द्रुपद की पुत्री जो यज्ञ कुंड की मध्यभाग से जनित, कृष्णें, याज्ञसेनी, द्रौपदी, पाँचाली ऐसे कई नामों से प्रसिद्ध हुई। जब उसका जन्म हुआ तब आकाशवाणी हुई की "यह कौरवों के विनाश का कारण होगी। कौरवों को घोर विपदा सामना करना पडेगा।" स्वयंवर में अर्जुन विजय प्राप्त कर ने पर भी कुंती की सुझाव के अनुसार वह...
<p>रामायण की रचयैता है वरकवी महर्षि वाल्मीकि। रत्नाकर राहगिरों को लूटनेवाला एक डाकू था। महर्षि नारद की उपदेश से उसने तपस्या किया। तब उसके शरीर पर वल्मीक बनने लगा। तपस्या के पश्चात् वह उस से बाहर निकलके आया इसलिए उसका नाम वाल्मीकी हूआ। एक बार एक नर और मादा पक्षियों की जोड़ा वन विचरण...
सुमित्रा पुत्र थे लक्ष्मण, लक्ष्मण-शत्रुघ्न सुमित्रा के जुड़वा संतान थे। लक्ष्मण को आदिशष का अवतार भी मानाजाता है। विश्वामित्र, यज्ञ रक्षणा के लिए राम-लक्ष्मण को अपने साथ ले जाते हैं। सीता स्वयंवर के पश्चात् लक्ष्मण का विवाह ऊर्मिला से होतीहै। राम जब चौदह वर्ष की वनवास करने निकलते है तब लक्ष्मण भी उनके साथ चलता है। शूर्पनखी...
कैकसी और विश्ववसु का प्रथम पुत्र था रावण। ब्रह्माजी के पुत्र पुलस्त्य रावण के पितामह थे। कुंभकर्ण और विभीषण रावण के भाई थे। इनकी एक बहन थी शूर्पनखा। रावण का दस शीर्ष के साथ जन्म हुआ था। उसे ब्रह्मजी से वरदान प्राप्त था की वह नर और वानर को छोडकर किसी अन्य से उसकी मृत्यु नहीं होगी। इससे रावण और शक्तिशाली...
<p>महाराज जनक की पुत्री सीता। विष्णु पत्नी लक्ष्मी का अवतार भी माना जाता हैं। जब राजा जनक यज्ञ करने पृथ्वी पर हल चला रहे थे तब एक पेटी मिली। उस के अंदर एक नवजात शिशु थी जिसे राजा जनक ने 'सीता' का नाम दिया। इसकी अन्य नाम हैं, मैथिली, जानकी वैदेही.... श्रीराम द्वारा शिवधनुष का भंग होनेपर...
'पृथा' कुंती का दूसरा नाम है। वह वसुदेव की छोटी बहन, श्रीकृष्ण की माता देवकी की मौसी थी। इसे राजा कुंतीभोज ने शूरराज की पुत्रि के रूप में गोद लिया था। उसने अपने विवाह से पूर्व महर्षि दूर्वास की सेवा अत्यंत निष्ठता पूर्वक किया और उसके बदले कई वरदान भी प्राप्त किया। इस के कारण वह किसी भी देवता का निमंत्रण करके...
यमधर्म के अंश से जनित, कुन्ती का प्रथम पुत्र था धर्मराज युधीष्ठिर। कष्टसहिष्णुता, शौर्यता और करुणा मूर्ति था युधिष्ठिर। अपने नाम के अनुसार वह धर्मप्रिय था और उसी मार्ग से चलकर सब के प्यार का पात्र था। जब कौरवों ने पाण्डवों को जूआ खेलने के लिए आमंत्रित किया तब धर्मराज ने अपनी पूरे संपत्ती, राज्य और पत्नी द्रौपदी को...
अगर आत्मविश्वास, ध्यैर्य और असाध्यकार्य को अपने मनोबलता और धृढ़ता से सिद्ध करना इसका काइे सही उदाहरण हैं तो वह ब्रम्हर्षि विश्वमित्र है। ब्रह्मर्षि वसिष्ठ से कामधेनु छीनने की कोशिश कर, असफल होकर वे घोर तपस्य करके ब्रम्हर्षि का पद प्राप्त किया। वसिष्ठ से प्रशंसित विश्वमित्र राजा त्रिशंकु को सशरीर स्वर्ग भेजने की योजना बनाते...
श्री महाविष्णु के दस अवतारों मे एक है श्री परशुरामावतार । जमदग्नी और रेणुका के पुत्र परशुराम जन्म से ब्राह्मण थे पर क्षत्रिय गुणों से संपन्न थे। पिता जमदग्नी का एक क्षत्रिय राजा ने विनाकारण जब वध किया वे क्रोधित होकर सारे क्षत्रिय वंशजो संहार का संकल्प किया। इक्कीस बार उन्होंने भू प्रदक्षिणा की और क्षत्रियों का संहार किया। त्रेतायुग...
महर्षि अत्रि-अनसूय दंपतियों से शिवजी की वरदान से जनित महर्षि दुर्वास है। कुंती की सेवा मनोभाव से आनंदित होकर उसे अनुग्रह किया। वे दर्योधन से प्रेरित होकर, पाण्डवों के आतित्य स्वीकार करने अपने दस हजार शिष्यों सहित पाण्डवों, के आश्रम में, द्रौपदी के भोजन के पश्चात चलेगये। पाण्डवों के पास एक अक्षय. पात्र था जो सूर्य...
<p>महाभारत का रचैताश्री वेदव्यास हैं। वेदों का चार भागों मे विभाजन कर के उन्होंने यह नाम प्राप्त किया। ऋषी पराशर के पुत्र वेदव्यास का महाभारत के चरित्र में अत्यंत प्रमुख पात्र है। विपदा या संकट की स्थिति में व्यासजी वहाँ त्वरित उपस्थित होते और उसे सुलझाते थे। ये श्री महाविष्णु का अवतार होने का यह भी पुराणों में...
रावण का अनुज था विभीषण। वह एक दैवभक्त धर्मी पुरुष था। रावण सीतापहरण कर लंका लाने के पश्चात् वह उन्हें बहुत समझाने की प्रयत्न करता है। परन्तु रावण उसका भरी सभा में अपमान करता है। इससे दुखित विभीषण अपने कुछ साथियों के साथ लंका छोड़कर श्री राम के शरण में आजाता है जो उस समय लंका के बाहर अपने...
इस पुस्तक में पाँच मनोरंजक कहानियां हैं। सभी कहानियों के विषय – वस्तु अलग अलग हैं । ये कहानियाँ मेरे सामाजिक परिवेश के प्रेक्षण के आधार पर कल्पना से गढ़ी गईं हैं। -लेखक
कोचीन की पृष्ठभूमि में लिखी गयीं सवेदनशील ,सामाजिक और मनोरंजक कहानियाँ ।
फिर टी वी आ गया और जमाने भर पे छा गया । हमारी बस्ती में भी हर घर में टी वी लग गया । टी वी पर दिखाये जाने वाले कार्यक्रमों में सबसे अधिक लोकप्रिय थे चित्रहार और सिनेमा । फिल्म में तरह तरह की कहानियाँ और दृश्य दिखाये जाते।
गुरु विष्णुदेव एक सिद्ध योगी है जिनका हिमालय में एक स्थान पर आश्रम है। वह विद्यार्थियो को योग की शिक्षा देते हैं। वह आठ नवजवान सिद्ध योगियों का एक विशेष दल बनाने की योजना बनाते है जिनकी यौगिक शक्तियों का उपयोग वे देश पर आने वाली विपत्ति के समय जन रक्षा और जनसेवा के कार्य में कर सकें।
"बस में कोरोना रोगी?" एक दिल दहलाने वाला उपन्यास जो आपके रोंगटे खड़े कर देगा ...---वरिष्ठ शिक्षाविद् एवं हिन्दी लेखक डॉ. भारत खुशालानी (Ph.D) का जन्म नागपुर, महाराष्ट्र में हुआ था। इन्होंने कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय, अमेरिका (California University, America) से वर्ष 2004 में डॉक्टरेट (Ph.D)...
भारत देश, जो विश्व की सभ्यता के उद्भव का केंद्र रहा है। जहाँ की संस्कृति अनन्य है। किसी भी देश की स्त्री को समाज में मिलने वाला सम्मान उस देश की सभ्यता और प्रगति का आईना होता है। इस भारत देश की नारी शांति का प्रतिरूप है। करुणा, दया, स्नेह, और सौंदर्य का सागर भी है। प्रकृति ने पीड़ा और कष्ट सहने की क्षमता जो...
जॉन ने दो कोणों से लाश की तस्वीरें लीं। अचानक उसे एक झटका लगा और ऐसा लगा जैसे किसी ने उससे कैमरा छीनने की कोशिश की हो। उन्होंने इसे अपना वहम माना और अपने काम में जुट गए। वह दूसरे कोण से लाश की फोटो लेने के लिए आगे बढ़ा और शीशे के सामने से गुजरा तो एक विचित्र बात हुई...जानने के लिये पढ़ें...
यह कुछ सत्य घटनाओं से प्रेरित एक काल्पनिक उपन्यास है। अगली सुबह राजेश और लैला होटल के बाहर निकले। उन्होंने सोचा था बाहर निकल कर कोई टैक्सी कर लेंगे। वे मुश्किल से एक सौ कदम ही दूर चले होंगे कि उनके पीछे एक बड़ा धमाका हुआ। उन्होंने पीछे मुड़कर देखा प्लाजा होटल लपटों में घिरा हुआ था । लोग यहाँ वहाँ...
अजित ने पीछे मुड के देखा । वह एक जवान लड़की थी और परेशान दिख रही थी ।
इंद्रदेव को ज्ञात था विश्वामित्र कई वर्षों से गहन वन में साधना कर रहे थे। इंद्र उन पर निगाह रखते थे। एक दिन उन्होंने अपने सिंहासन में एक कंपन महसूस किया। वह समझ गए विश्वामित्र का तप इतना बढ़ गया था कि वह इंद्रदेव की स्थिति के लिए खतरा बन सकते थे।अब वह अपनी स्थिति को बचाने के लिए विश्वामित्र का...
इस कहानी का नायक एक डाकू सरदार है जो एक लड़की से प्रेम करता है। यह प्रेम उसे समर्पण के लिए प्रेरित करता है। क्या वह समर्पण करेगा ?..जानने के लिए पुस्तक पढ़ें।
सरल और आसान भाषा में लिखी गई यह किताब सांसारिक जीवन में प्यार और पति-पत्नी के प्यार और उनके तथा परिवार के सम्बन्धों पर लिखी गई है। जो जीवन में आने वाली समस्याओं का समाधान बताती है। ताकि हमारा सांसारिक जीवन सुखमय हो और किस तरह से पति-पत्नी इस जीवन मं आनंदपूर्वक जीवन का आनंद उठा सकें तथा अपने...
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यह प्रेम कहानी सत्य घटना से प्रेरित है। इस प्रेम कहानी की शुरुआत सन् 2008 में हुई थी। इसमे दर्शाया गया है कि अपने प्यार को पाने के लिए कितना इंतजार करना पड़ता है, कितनी मशक्कत करनी पड़ती है, और मिल जाने के बाद ज़िंदगी कितनी हसीन लगने लगती है। साथ ही, इसमे यह भी दर्शाया गया है कि अपने प्यार...
सामाजिक कहानियों का लघु संग्रह । उम्मीद है यह आपको पसंद आएंगी ।
सरिता की अमेरिका के शिकागो शहर में अध्ययन कार्यक्रम के दौरान चार्ली से मुलाकात हुई थी। वे तुरंत ही आपस में घुल-मिल गये और उनमें घनिष्ठ मित्रता हो गयी । चार्ली आकर्षक, मजाकिया और अविश्वसनीय रूप से सुंदर था। सरिता को ऐसा महसूस हुआ जैसे वह उसके साथ दुनिया के शीर्ष पर थी।वह उससे प्रेम कर बैठी ।...
ऋषि वेदव्यास द्वारा वर्णित भगवान शिव की कथाएँ सृजन, संरक्षण और विनाश की गहन खोज प्रस्तुत करती हैं। इन कहानियों के माध्यम से, हम शिव के दिव्य पहलुओं में गहराई से उतरते हैं, विध्वंसक और परिवर्तनकर्ता दोनों के रूप में उनकी भूमिका की खोज करते हैं। प्रत्येक अध्याय शिव की अपार शक्ति और ज्ञान के एक अलग पहलू...
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