Surjeet Kumar is Assistant Professor by profession and writer by passion. He believes, poems are the mode of expressions that bind the vision and emotions in wonderful phrases. Poems have an ability to decorate ambiance along with infusing strengths among people whenever s/he does not feel comfortable. He has been fond of writing on numerous topics such as love, empathy, thrilling, inspirational, loneliness, reflection, introspection and many more since his school days. He would like to amaze his readers by his writing style on contemporary topics. He is grateful to his readers and their opinions which support him to enhance his capacity in writing poems.
ज़िन्दगी की दौड़ में अनेक दौर आते है, खुशियों का दौर, गमों का दौर, हसने का दौर, रोने का दौर, गवाने का दौर, कमाने का दौर और अनेकों ऐसे दौर जिसमे हम दिन - रात बिताते है, जीते है और एक बार को सभी दौरों को भूल जाते है।
हम सबकी ज़िन्दगी में एक वो मोड़ भी आता जहाँ लगता है यही बंदगी है, जहाँ लगता है यही सुकून है, जहाँ लगता है वक्त जैसे थम सा गया है, सब कुछ जैसे बदलने सा लगा है, लगता है ज़िन्दगी करवट ले रही है, लगता है जैसे ज़िंदगी को इसी पल का इंतज़ार था; फिर भले उस मोड़ पर आगे रूठना हो, मनाना हो, उनको गुदगुदाना हो, उनकी बाहों में खो जाना हो, या फिर उनके कंधे पर सिर रख कर उन्हें सब कुछ बताना हो और सब कुछ भूल कर बस उनका हो जाना हो।
उसी मोड़ का नाम होता है "मोड़...मोहब्बत का...!"
प्रस्तुत पुस्तक में इसी हसीन मोड़ पर लिखी हुई पंक्तियों को कविताओं को रूप देकर आप सब को रोमांचित करते हुए आप सबके समक्ष अपनी बात रखने का प्रयत्न कर रहा हूँ।
Título : मोड़… मोहब्बत का...
EAN : 9798223771647
Editorial : Surjeet Kumar
El libro electrónico मोड़… मोहब्बत का... está en formato ePub protegido por CARE
¿Quieres leer en un eReader de otra marca? Sigue nuestra guía.
Puede que no esté disponible para la venta en tu país, sino sólo para la venta desde una cuenta en Francia.
Si la redirección no se produce automáticamente, haz clic en este enlace.
Conectarme
Mi cuenta