आज; कल का अर्ध विराम। जना इंसान; संतोषजनक एक पूर्ण विराम की लालसा से ज़िंदा। "अर्ध विराम" मेरा तीसरा संग्रह; मेरी आज की सोच का सार। एक सोच जो सालों के अध्यन, मनन और अनुभवों का निचोड़ है। शब्दों के माध्यम से इस संग्रह में प्रस्तुत मेरा आज तक का सच। -- हिन्दी लेखक अनुज कुमार मूल रूप से दिल्ली के हैं और इस वक़्त इंग्लैंड में रह रहे हैं. दिल्ली में ही अनुज कुमार की स्कूलिंग हुई, बाद में उच्चशिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेज़ी साहित्य...
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