क्या आप भी अक्सर उन चीज़ों की तलाश में होते हैं जिनका अस्तित्व है ही नहीं? और ज़िन्दगी इसी कश्मकश में गुज़ार देते हैं कि वो होता तो कैसा होता? तो यह कविता संग्रह आपके लिए है। कुछ ऐसे ही मार्मिक पलों को अपनी कविताओं में क़ैद किया है, कवियत्री आशा सेठ ने। इस संग्रह में आप पाएँगे आत्मविश्लेषण में घुली शामें तो पुरानी यादों को टटोलती रातें, खोये हुए लम्हों में ग़ुम सुकून तो कुछ रिश्तों के लिए त्यागा हुआ गुरूर। यह कविताएँ पाठक के चित्त में प्रेरणा, सब्र और...
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