Hari Har
Publicado el 17 de julio de 2023
यह पुस्तक मेरे मन के सच्चे भाव प्रगट करती है। जब कभी भी मैं भगवान राम, भगवान कृष्ण, भगवान विष्ण, महादेव या मेरे मन मे बसे किसी भी ईश्वर की कल्पना करती हूँ, मेरे मन के समुद्र का मंथन होता है और श्रद्धा के अमृत रूपी शब्द प्रगट होते हैं। यह पुस्तक उसी अमृत से रची गई कविताओं का छोटा सा संग्रह है। मैं आशा करती हूँ के वाचक गण इस पुस्तक को सहृदय स्वीकार करेंगे। धन्यवाद। जय भारत।
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