जीवन की आपाधापी और रिश्तों के मुरझाने के दौर में संवेदना के आकाश में विचरण कराने वाला काव्य-संग्रह है, श्री पुनीत शर्मा कृत 'काव्यांजलि' I इस कृति की रचनाओं को पढ़ते समय हम अपने समय और जीवन के बहुतेरे अनुभवों से रू-ब-रू होते हैं I आत्मीयता के खोने की चिंता हो, संवेदना का सोता सूखने का भय हो अथवा मोबाइल टी.वी. आदि सबके चलते वास्तविकता से दूर काल्पनिक सामाजिकता का मुखौटा ओढ़े जाने की पीड़ा हो, कहीं न कहीं ये सारी बातें...
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