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Philosopher
Environment Economist
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जीवन की आपाधापी और रिश्तों के मुरझाने के दौर में संवेदना के आकाश में विचरण कराने वाला काव्य-संग्रह है, श्री पुनीत शर्मा कृत 'काव्यांजलि' I इस कृति की रचनाओं को पढ़ते समय हम अपने समय और जीवन के बहुतेरे अनुभवों से रू-ब-रू होते हैं I आत्मीयता के खोने की चिंता हो, संवेदना का सोता सूखने का भय हो अथवा मोबाइल टी.वी. आदि सबके चलते वास्तविकता से दूर काल्पनिक सामाजिकता का मुखौटा ओढ़े जाने की पीड़ा हो, कहीं न कहीं ये सारी बातें कवि के संवेदित मन को उद्वेलित करती हैं I यह उद्वेलन शब्दों में अभिव्यक्ति पाता है और हम सब भी इन अहसासों को महसूस करने लगते हैंI
कवि की कुछ कविताएँ , यथा रिश्ते, शायद तुम समझ सको, भूल गए, व्यथा आदि अपने मन और परिवेश के द्वंद को मुखर करती हैं I इनमें स्वयं को समझे जाने का विश्वास भी हैं, उपेक्षा की व्यथा भी हैं, स्वीकारे न जाने का दर्द भी हैं, लेकिन अंततः सहज स्वीकारोक्ति भी है I ये कविताएँ सिर्फ व्यक्तिक अनुभव नहीं हैं अपितु अपने व्यापक दायरे में सभी को समेट लेते है I कवि की कुछ कविताओं, जैसे- मुक्ति, आओ खुलकर विरोध करें, आकाश का मौसम, रात अगर लंबी है, ये वे हैं आदि में आस्था का दृढ़ स्वर सुनाई देता है I व्यवस्था से हताश होने की बजाय कर्म करना, समस्या का समाधान खोजना महत्वपूर्ण होता है और यही पहलू इन कविताओं में अनुभूति के साथ ओज भरता है I 'एक दूसरे की खबर लें' कविता आज के दौर की बहुत प्रासंगिक कविता हैं I सोशल मीडिया के भ्रम में हम वास्तव में एक दूसरे से कितने दूर हो गए, रिश्तों की गरमाहट खत्म होने लगी, पाने की होड़ में हम सब खोते चले गए और इसका अहसास भी नहीं कर पाए, इन सब अनुभूतियों को इस कविता में अभिव्यक्ति मिली है I
इस काव्य-कृति की एक और विशेषता है इसमें अभिव्यंजित छोटी कविताएँ I कम शब्दों में गहरे भावों को भरे ये कविताएँ हमें सोचने को विवश करती हैं I खुदा, समस्या हमारी, ख़ौफ़, सुकून-जुनून आदि कविताएँ इस मायने में बहुत ख़ास है I 'प्रकृति-पुरुष' कविता भी इस संग्रह की अनूठी कविता है जो दोनों के मूल स्वभाव गहन रूप से मुखर करता है I
वस्तुतः यह काव्य संग्रह बहुविध जीवन-अनुभवों तथा गहरी संवेदना, भावों को अपने में समाहित किए हुए हैं I अपने समय की नब्ज़ को पकड़ती संग्रह की कविताएं पाठकों के अंतर्मन पर गहरा प्रभाव छोड़ती है I
श्री पुनीत शर्मा का यह पहला 'काव्य- संग्रह' है I शब्दों की सर्जन-यात्रा पर वे अनवरत चलते रहें, अपनी संवेदनाओं को मूर्त रूप देते रहें, इन्हीं शुभकामनाओं के साथ
डॉ प्रीति भट्ट
सहायक आचार्य हिन्दी
राजकीय महाविद्यालय नाथद्वारा ,राजस्थान
Título : काव्यांजलि - जीवन एक मौन अभिव्यक्ति
EAN : 9798201573195
Editorial : Kailashi International Publications
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