आजकल बच्चों के लिए लिखा तो बहुत जा रहा है, लेकिन बच्चों में पढ़ने की आदत कम होती जा रही है। दादी नानी और नाती/ पोतों का रिश्ता ही कुछ ऐसा होता है, कि स्वतः ही बातों बातों में ह्रदय उद्गार कविता बन जाते हैं। इसमें कुछ कविताएं पैरेंट्स के लिए और कुछ कविताएं बच्चों को रोजमर्रा की बातों को ध्यान में रख कर लिखी गई हैं।
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