यह पुस्तक एक व्यक्ति दो व्यक्तित्व के संघर्ष की कहानी है-एक शिक्षक और एक अधिकारी के तत्कालीन सरकारी व्यवस्था मे व्याप्त भ्रष्टाचार और पक्षपात से संघर्ष की गाथा है। इसी संघर्ष की आंच में तपकर व्यक्ति जीवन के गीत गाता है। यह संघर्ष होश संभालने के बाद से आरंभ होता है और जीवन पर्यंत चलता है। हर व्यक्ति के जीवन में दो संघर्ष निरंतर चलते हैं एक व्यक्ति के अंदर चलता है, क्या ठीक है क्या ठीक नहीं है क्या करना चाहिए क्या नहीं करना चाहिए, इस...
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