राजस्थान साहित्य अकादमी के प्रतिष्ठित "'देवीलाल सागर पुरस्कार" से सम्मानित लेखक 'श्याम कुमार पोकरा' यह कृति 'बेलदार' शोषित मजदूरों के संघर्षमय क्लिष्ट जीवन का दर्पण सी लगती है। स्वतंत्रता के पश्चात् देश की तमाम परिस्थितियों में परिवर्तन आया है। किन्तु खदान मजदूरों को जीवन परिस्थितियों में अभी तक कोई खास सुधार नहीं हो पाया है। उनकी मजदूरी उनके श्रम से कम मुध्य पर निर्धारित है और शोषक वर्ग की बेईमानी, छल-छदम अपनी भूमिका निभाते हुए...
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