यह कथा संग्रह तमाम विषयों को मार्मिक रूप में पेश करती है। कई एसी कहानियां हैं जो कीचड़ से लिपटी बस्तियों में कहीं फंस गई हैं, लेखक ने उन्ही खोई कहानियों के रोते चेहरे को पढ़ने वालों से रूबरू कराया है। पुस्तक में कुछ किस्से ऐसे भी हैं जिन्हें पढ़ने के बाद वास्तविकता का डर मन में बैठ जाता है, और मिथ्या ही हकीकत लगने लगती है।लेखक ने अपने परिवार के कुछ चटपटे और कुछ संघर्ष करते क्षण को भी कहानियों का रूप दिया है। पुस्तक उन सामाजिक...
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