बेटी ही है जो माता-पिता के दु:ख को समझती है। एक तरफ तो हम नौ दिन तक कन्याओं की बड़े भक्ति भाव से पूजा करते हैं और दूसरी तरफ उसी कन्या की भ्रूण हत्या! मतलब बेटी को पेट में मार दो और प्रायश्चित के लिए कन्या पूजन कर लो? यह हमारा कैसा सुशिक्षित समाज है जहाँ पर एक तरफ तो नारी समाज की पूजा की जाती है और दूसरी तरफ उसी नारी जाति की गर्भ हत्या? यौन शोषण, रेप, बलात्कार, कन्या भ्रूण हत्या एवं तलाक जैसे अपराध सामाजिक अपराध हैं। हमें इन सब का हल भी समाज में रहकर ही निकालना है। अगर हमें बेटियों को बचाना है तो बेटों को भी समझाना होगा कि किसी भी बेटी के साथ वह व्यवहार न करें जो खुद की बहन के प्रति अच्छा न लगे।
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उत्तर प्रदेश के जनपद मैनपुरी के गाँव महोली शमशेरगंज, किशनी के मूल निवासी, युवा हिन्दी लेखक प्रशांत कुमार मिश्रा ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा श्री नारायण विद्या आश्रम, किशनी से प्राप्त की है। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट तक माँ सरस्वती ज्ञान मंदिर इंटर कॉलेज, कुसमरा से एवं महाबोधि महाविद्यालय, कुसमरा से स्नातक की शिक्षा प्राप्त की है। प्रशांत कुमार मिश्रा ने श्री गोवर्धन महाविद्यालय, किशनी से डीएलएड (DLED) 2017 बैच में प्रशिक्षण प्राप्त किया है। प्रस्तुत पुस्तक में युवा हिन्दी लेखक प्रशांत कुमार मिश्रा ने समाज में महिलाओं के प्रति भेदभावपूर्ण रवैये और निरन्तर हो रहे अपराध को प्रमुखता से चित्रित किया है। साथ ही अन्य कई सामाजिक मुद्दों को इस पुस्तक में उपयुक्त स्थान दिया है।
Título : Srijan Fir Se
EAN : 9781393438519
Editorial : Rajmangal Publishers
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