जिस पातिव्रत की हम अक्सर दुहाई देते फिरतें है (मूक ही सही) या फिर माता पिता के साथ रहने पर भी कतरातें है। और आजकल के पति को भी क्या कहें कि पत्नी के इस प्रकार के पातिव्रत धर्म (केवल पति व बच्चे) को वो खूब जमकर मानते है। पर पूरी सावधानी से हम एक बात और कहेंगें कि किसी किसी परिवार में ऐसी परिस्थितियाँ भी हो सकती है कि माँ पिता के साथ ना रहने का कोई विशेष कारण हो, तो ऐसे में पति-पत्नी का अधार्मिक या पति के प्रति बेरूखी ना समझ लें। होना तो ये चाहिये कि शादी करते समय ही पति को ये प्रण करना चाहिये कि हम अपनी पत्नी के साथ मिलकर अपने माता पिता का सदा साथ निभायेगें और पत्नी को चाहिये कि वो ये वादा करें कि हम सदा आपके प्रति आपको माँ व पिता के प्रति जिम्मेदार और वफादार रहेंगें। ऐसा पति पत्नी दोनों की मनोकामना होने पर स्त्री के लिये बड़ों का आदर सम्मान और अपना कर्तव्य निभाना आसान हो जाता है। ईश्वर की निकटता पाने का ये एक सुगम मार्ग बन सकता है।
Título : Ari Naari
EAN : 9789355153005
Editorial : Book rivers
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