अनुक्रमणिका
प्रो. मंगला रानी
1. जिन खोजा तिन पाइयाँ
2. गीत मधुर
3. निज भाषा का मान करें हम
4. भीतर वाली वह धरा हरित
5. तुम शब्द हो.. मैं अर्थ हूँ
6. प्यार करती हूँ
7. पिता
8. अदेह
9. मित्रता .. एथेंस में
10. 'नारी'
11. इक मेरे आँगन बोध रहा
12. कविता या आँसू!
डाॅ. वन्दना गुप्ता
1. विद्रोह और मुखालफत
2. स्त्री का अतीत, वर्तमान और भविष्य
3. छलांग मारती स्त्रियाँ
4. कविता का अभीष्ट
5. आतंक का समाजशास्त्र
6. दरो दीवार से ऊँचे
7. नारी अस्मिता का समाजशास्त्र
8. आसमानी सपने
9. रोशनी के पटल
10. विस्थापन
11. प्रेम करती स्त्रियाँ
12. हंसी की तहज़ीब
13. आसमानी ख़्वाहिशें
किरण बाला 'किरन'
1. तुम्हें ढूँढने के लिए
2. अन्तस् की झील पर
3. म्ेतिमा
4. चलो, एक दिया रख आएँ
5. मुझे मेरा रहने दो
6. समंदर
7. बीज की भाँति
8. पल-प्रतिपल
9. फिर आकाश ले आए कोई
10. चलो, फिर चलें हम
11. जीवन का श्रेय
12. इस हवा के संग ही
13. यह वक़्त गुज़र जाएगा
14. ओ चित्रकार!
डाॅ. मंजु शर्मा महापात्र
1. हे जगत माता
2. मोड़
3. मढ़िया पिसनहारी की
4. बोलो है मंजूर
5. इंसान और हाथी
6. नई गाँधारी
7. महसूस किया
8. चला गया मीत है
9. काश ऐसा होता
10. हल
11. माँ और मातृभाषा
12. जब गर्मी से
रूपा सिंह
1. जीवन
2. घर
3. लड़की
4. विवाह
5. हत्या
6. धूप
7. रोती हैं
8. कर्तृत्व
9. प्रार्थना
10. भयानक समय
डाॅ. अन्नपूर्णा सिसोदिया
1. अगर तुम न होती
2. खिड़की
3. प्रेम और वेदना
4. सपना
5. लौटकर न आना तुम यहाँ
6. औसत सी जिन्दगी का गणित
7. छुपा खजाना
8. मैं वो नहीं
9. स्वयंसिद्धा
10. कुछ कह दो जिन्दगी
11. निशान
12. फसलें
Título : Dishayein Gaa Uthi Hein
EAN : 9789391186203
Editorial : INDIA NETBOOKS indianetbooks
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