*मानवता के खिलाफ़ नापाक योजना और वैश्विकतावाद के षड्यंत्र के सिद्धांत को उजागर करती एक हैरतअंगेज़ कहानी*
कार्ल पामर द्वारा अपनी नई प्रेमिका को अपने मौसेरं भाई टेरी के साथ एक परिवार के मिलन समारोह में मुलाक़ात कराने और महामारी और टीकों के बारे में विस्फोटक जानकारी का खुलासा करने के कुछ ही दिनों बाद, वह अचानक से गायब हो गया। जिससे टेरी को अपने मौसेरे भाई के लापता होने के पीछे की सच्चाई को उजागर करने के लिए 'साजिश के सिद्धांतों' की दुनिया में जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। व्यापक शोध के आधार पर, 'धोखे की धार' एक मनोरंजक, मनोवैज्ञानिक रोमांच है जो आपको मुख्यधारा के मीडिया द्वारा बताई गई हर चीज पर सवाल उठाने पर मजबूर कर देगा।
*मूल अंग्रेज़ी पुस्तक Fangs of Deception का हिन्दी अनुवाद*
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टी.के. ऑर्बेलियन एक जाने-माने लेखक, संपादक और खोजी पत्रकार हैं। जिनकी रचनाएँ यूके और यूएस के समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में छपती रहती हैं। इन्होंने उपन्यासों और लघु कथाओं के अलावा कई गैर-काल्पनिक कार्यों, लेखों और वाद-विवादों का लेखन किया है। ऑर्बेलियन अपना अधिकतर समय ब्रिटेन और भूमध्यसागर के बीच यात्रा करते हुए व्यतीत करते हैं।
Título : Dhokhe Ki Dhaar
EAN : 9798223628477
Editorial : Rajmangal Prakashan
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