श्री श्यामानंद झा जी ने एक मौलिक लेखक एवं चिन्तक के रूप में अपने सरल, ललित एवं सारगर्भित भाषा द्वारा अपनी कहानी में कतिपय सामाजिक समस्याओं को रेखांकित करने का प्रयास किया है, वह बेमिसाल है। समाजिक चेतना को झंकृत करनेवालों में मूर्धन्य लोगों में कुछ नामचीन नाम है – प्रेमचंद्र, निराला, शिवपूजन सहाय आदि। इन्ही लोगों के पद चिन्हों पर चलते हुए श्री झा जी ने जिस मार्मिक ढंग से अपने विचारों को "अग्नि दान।" उपन्यास में लिपिबद्ध किया है – यह सामाजिक चेतना को झकझोरने का इनका सफल प्रयास कहा जा सकता है। मैं इनके मृदु स्वभाव और कहानी लेखन के क्षेत्र में धमाकेदार आगाज के साथ उतरने के लिए कोटिशः बधाई देता हूँ और साथ में इनके स्वस्थ एवं दीर्घ जीवन की कामना करता हूँ। मुझे आशा है कि भविष्य में अपने लेखन से समाज को दिशा – निर्देश करते रहेंगे।
-- डॉ . एन एन झा
Título : Agni-Daan
EAN : 9798223822080
Editorial : Rajmangal Prakashan
El libro electrónico Agni-Daan está en formato ePub protegido por CARE
¿Quieres leer en un eReader de otra marca? Sigue nuestra guía.
Puede que no esté disponible para la venta en tu país, sino sólo para la venta desde una cuenta en Francia.
Si la redirección no se produce automáticamente, haz clic en este enlace.
Conectarme
Mi cuenta