सोलह कहानियों का ये संग्रह 'ढलान-ढलान' भावनाओं और संवेदनाओं के सोलह पायदानों की तरह है। हर कहानी का एक अलग विषय है, और हर विषय की एक अलग दिशा। कुछ कहानियाँ बचपन के रंगों में रंगी हैं, तो कुछ यौवन के नशे में भीगी। कुछ सामाजिक कुरीतियों पर कुठाराघात करती हैं तो कुछ आशावाद की ओर ले जाती हैं। कहीं हँसी है, तो कहीं आँसू। खट्टे-मीठे अनुभवों के मोतियों से सजी ये किताब आपको कभी गुदगुदाएगी, कभी सोचने पर मजबूर करेगी, तो कभी आशावाद से भर देगी।
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बंगाल प्रान्त के कोलकाता शहर में जन्मी रोहिणी विश्वास का जीवन भारत के कई शहरों में बीता। उन्होनें छत्तीसगढ़ के रायगढ़ और भिलाई शहर में अपनी स्कूली शिक्षा प्राप्त की। NIT Calicut से केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने आठ साल रिलायंस इंडस्ट्रीज के जामनगर मैन्युफैक्चरिंग डिवीज़न में बतौर सीनियर टेक्नोलॉजिस्ट काम किया। इसके बाद वे कुछ सालों तक रिलायंस कॉर्पोरेट पार्क- नवी मुंबई में कार्यरत रहीं। फ़िलहाल, विवाहोपरांत वे यु.एस.ए. के कैलिफ़ोर्निया राज्य की निवासी हैं और वहीं बतौर एनर्जी इंजीनियर कार्यरत हैं। बचपन से ही उन्हें संगीत और साहित्य में रुचि रही और अपने जीवन के अनुभवों से वे अपनी कहानियों में रंग भरती रहीं। कहानियाँ लिखने के अलावा रोहिणी कविताएँ और 'रूह' तख़ल्लुस के साथ ग़ज़लें भी लिखती हैं। 'ढलान-ढलान' उनकी पहली किताब है।
Título : Dhalaan-Dhalaan
EAN : 9798230332275
Editorial : Rajmangal Prakashan
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