रवि कांत अनमोल विविधताओं भरे लेखक हैं | एक तरफ जहां शायरी पर उनकी पकड़ है वहीं दूसरी ओर गद्य लेखन पर भी वे अधिकार रखते हैं | वे मूलतः शायर हैं किन्तु साथ साथ उन्होंने कहानी, व्यंग्य इत्यादि भी लिखे हैं| पिछले 22 साल से ग़ज़ल कह रहे हैं| उन की कई गज़लें और गीत रिकॉर्ड हो चुके हैं और एक ग़ज़ल संग्रह भी प्रकाशित हो चुका है| ग़ज़ल पर उनके लघु शोध प्रबंध के आधार पर उन्हें एम फिल की डिग्री प्रदान की गई है|
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नवोदय के हाइकू
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नवोदय के हाइकु का यह तीसरा भाग पहले दोनो भागों से विस्तृत भी है और इसका स्तर भी पहले दोनों भागों से ऊँचा है। नवोदय के हाइकु के इस भाग की एक विशेषता यह भी है कि इस में लिखने वाले सभी बच्चे नवोदय की प्रवास योजना के तहत जवाहर नवोदय विद्यालय पंचमहल, गुजरात से आए हुए वे बच्चे हैं जिन्हों ने पिछला एक साल जवाहर नवोदय विद्यालय अंबाला में बिताया है। इस एक वर्ष के दौरान जहां उन्होंने यह विधा सीखी है वहीं बेहतरीन हाइकु भी लिखे हैं। मूलतः अहिंदी भाषी बच्चों के द्वारा हाइकु जैसी मुश्किल विधा में लिखना भाषा पर उनकी पकड़ और भाषा में उनकी रुचि को दिखाता है।
Título : नवोदय के हाईकू-3
EAN : 9781393385158
Editorial : Raushani Prakashan
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