'बरगद में भूत' कविता संग्रह का शीर्षक इसकी एक कविता से लिया गया है। 'बरगद' 'एक कालखंड' को चिह्नित करता है और भूत उस काल निहित 'स्मृतियों' को। इस पुस्तक की कविताओं में वर्तमान की कई विडम्बनाओं, समस्याओं और विसंगतियों पर चिंतन किया गया है। कविताओं में निहित भाव व प्रयुक्त बिम्ब प्रकृति और समाज में सहज रूप से अनुभव किए जा सकते हैं। इस पुस्तक के माध्यम से आप अपने आप को प्रकृति, समाज, और मानवीय मूल्यों में आई विसंगतियों और उसके विचलन से कवि के हृदय में उठी संवेदनाओं के क़रीब पा सकेंगे। संक्रमण के दौर में व्यक्ति के साहस और विश्वास की परीक्षा की घड़ी में कवि का स्थिति मंथन इस कृति में परिदृश्य होता है। 'रणथंभौर में बाघ' और 'मुकुँदरायें' कविता प्राकृतिक स्थलों का काव्यात्मक और भावनात्मक चित्रण करती है। अंतत: ये कि इस पुस्तक में आप एक सामान्य वर्ग के द्वारा अनुभव किए जाने वाले कई पक्षों पर कवि के विचार से रूबरू हो सकेंगे।
Título : बरगद में भूत (Bargad Mein Bhoot)
EAN : 9788194756194
Editorial : Think Tank Books
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