आमुख
लधुकथा विधा से कथा की ओर मुड़ने की शुरूआत
सविता मिश्रा 'अक्षजा' मूलतय एक सुपरिचित लघुकथाकार है। इनकी लधुकथाएं दैनिक समाचार पत्रों/पत्रिकाओं तथा इंटरनेट पर बराबर देखी गई तथा पढ़ी गई हैं। इनका एक लधुकथा संग्रह 'रोशनी के अंकुर' भी छपकर आया है। इनकी कुछ लधुकथाओं का कैनवस इतना विस्तृत लगता है, कि उस विषय पर एक सशक्त कहानी लिखी जा सकती है। लेखिका सविता मिश्रा 'अक्षजा' ने स्वयं इस बात को स्वीकार किया है, कि कई सुधी पाठकों ने उसकी लधुकथाएं पढ़कर इस तरह की बातें कीं, तथा यह कहा कि अमुक लधुकथा पर कहानी लिखो। 'अक्षजा' को भी मन में तब यह विचार कौंधा, क्यों न वह कहानी ही लिखें। इस तरह लेखिका जो लधुकथाकार है, उसकी कथाकार बनने की सफल शुरूआत हुई। लेखिका की प्रथम लिखी कहानी 'फस्ट इम्प्रेशन' है, जो उसने 2014 में लिखी थी।
अब बात करूँ "सुधियों के अनुबंध' कथासंग्रह की, जिसमें कथाकार की कुल 14 कहानियाँ है। 'अक्षजा' चाहती हैं, कि वह कुछ अलग हटकर उन लोगों पर लिखंे, चाहे वह किसी एक व्यक्तिभर की कहानी हो, भले वह आम आदमी की कहानी न हो। मेरे साथ वार्तालाप में उसने यह कहा भी है कि वह उस अकेले की कहानी को प्राथमिकता देना चाहेगी।
सविता मिश्रा 'अक्षजा' की विभिन्न लघुकथाओं में जीवन के अलग- अलग विषयों को उकेरने वाली लेखिका ने, इस कथासंग्रह में नारी विषयक मुद्दों को अपने ढंग से रचा है। नारी की पीड़ा, संघर्षो की कहानियों का विषय बनाकर, नारी की वर्तमान स्थिति को दर्शाया गया है।
Título : Sudihiyo Ke Anubandh
EAN : 9798201095574
Editorial : INDIA NETBOOKS indianetbooks
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